जय मां राज राजेश्वरी आज हम बात करेंगे संकटमोचन हनुमान जी के छोटे-छोटे सरल उपाय
हर समस्या का समाधान देंगे हनुमान जी , पढ़ें सरल टोटके
1.अगर आप अपने आसपास, ऑफिस या कहीं भी अपने दुश्मनों से परेशान हैं तो प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करने से लाभ होगा क्योंकि हनुमानजी खुद दुश्मनों से आपकी रक्षा करते हैं।
2.अगर आप अनावश्यक रूप से होने वाले खर्चों से परेशान है और उनसे निजात पाना चाहते हैं तो एक गोमती चक्र, एक नारियल पर सिंदूर लगाकर मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में अर्पित करें। इससे आपकी कीमती कमाई व्यर्थ खर्च नहीं होगी।
3.घर या व्यापार में अगर आप नकारात्मक ऊर्जा महसूस करते हैं या किसी की बुरी नजर व जादू-टोने से उसे बचाना हो तो आप यह टोटका आजमा सकते हैं...- मंगलवार के दिन मंदिर जाकर हनुमानजी के बाएं पैर एवं बाएं कंधे का सिंदूर लेकर आएं। अब इस सिंदूर से घर या ऑफिस के मुख्य द्वार के बाहर ऊपर की तरफ श्रीराम लिख दें। ऐसा करने से आपके घर या ऑफिस पर लगी बुरी नजर एवं किसी भी प्रकार के जादू-टोने का असर समाप्त हो जाएगा और हनुमानजी स्वयं उसकी रक्षा करेंगे।
4. सवा किलो उड़द की दाल और ढाई सौ ग्राम काली तिल को मिलाकर आटा पीस लें। अब प्रति मंगलवार इस आटे को गूंथकर दीपक बनाएं और 11 मंगलवार तक बढ़ते हुए क्रम में हनुमानजी को अर्पित करें, जैसे पहले दिन एक दीपक, दूसरे दिन दो, तीसरे दिन तीन दीपक लगाएं..., इसी तरह 11 दिनों तक 11 दीपक लगाएं। लेकिन ध्यान रहे कि यह दीपक सरसों के तेल में ही लगाए गए हों। जब 11 दिन पूरे हो जाएं तो घटते क्रम में दीपक लगाना शुरू कर दें। इस उपाय को करने से आपकी हर समस्या से आप छुटकारा पा सकते हैं। चाहे फिर कर्ज मुक्ति हो, घर या व्यापार की समस्या या फिर अन्य समस्या के शीघ्र ही आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे
अड़चनों से बचने के लिए रोज पढ़ें बजरंग बली का मंत्र
बार-बार परेशानी व कार्यों में रुकावट हो तो हर मंगलवार हनुमानजी के मंदिर में जाकर गुड एवं चने का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। उस प्रसाद को वहीं मंदिर में ही बांट देना चाहिए। रोज सुबह निम्न मंत्र का जाप अवश्य करें-
!!!!!!!!!आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर
त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात!!!!!!!!
उपरोक्त उपाय से परेशानियों एवं बाधाओं से आश्चर्यजनक रूप से मुक्ति मिलने लगेगी।
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हनुमानजी से जानिए सफलता के 3 मंत्र
हर मनुष्य को अपने जीवन काल में सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना होगा। क्योंकि बिना संघर्ष के सफलता नहीं पाई जा सकती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वयं हनुमान है। जैसे - रामभक्त हनुमान ने भी लंका जाने के लिए और वहां माता सीता को खोजने के लिए बहुत संघर्ष किया था। इसलिए मनुष्य को संघर्ष के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
इसी प्रकार जामवंत भी लंका विजय के अभियान में सबसे बुजुर्ग वानरसेना थे। जब हम सुंदरकांड का पाठ शुरू करते हैं तो शुरुआत में ही उनके नाम का उल्लेख आता है, वह हमें सीख देता है कि हम अपने बुजुर्गों का सम्मान करें।
जीवन में बड़ा काम करने से पहले तीन चीजें जरूरी हैं :-
पहला- काम शुरू करने के पहले भगवान का नाम लें।
दूसरा- बड़े-बुजुर्गों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें।
तीसरा है - काम की शुरुआत मुस्कुराते हुए करें।
स्वयं हनुमानजी ने भी लंका जाने के पहले इन तीनों काम किया था।
सफलता का पहला सूत्र है- सक्रियता। जैसे हनुमानजी हमेशा सक्रिय रहते थे। वैसे ही मनुष्य का तन हमेशा सक्रिय रहना चाहिए और मन निष्क्रिय होना चाहिए। मन का विश्राम ही मेडीटेशन है। आप मन को निष्क्रिय करिए तो जीवन की बहुत-सी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।
सफलता का दूसरा सूत्र है- सजगता। मनुष्य को हमेशा सजग रहना चाहिए। यह तभी संभव है, जब उसका लक्ष्य निश्चित होगा। इससे समय और ऊर्जा का सदुपयोग होगा।
इसका उदाहरण यह है कि स्वयं हनुमानजी ने लंका यात्रा के दौरान कई तरह की बाधाओं का सामना किया। सबसे पहले उन्होंने मैनाक पर्वत को पार किया, जहां पर भोग और विलास की सारी सुविधाएं उपलब्ध थी, लेकिन हनुमानजी ने मैनाक पर्वत को केवल छुआ। अन्य चीजों पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
इसके बाद उन्हें सुरसा नामक राक्षसी मिली। इसे पार करने के लिए हनुमानजी ने लघु रूप धारण किया। हनुमानजी का यह लघु रूप हमें बताता है कि दुनिया में बड़ा होना है, आगे बढ़ना है तो छोटा होना पड़ेगा। छोटा होने का तात्पर्य यहां आपके कद से नहीं आपकी विनम्रता से है, यानी हमें विनम्र होना पड़ेगा।
सफलता का तीसरा सूत्र है- सक्षम होना यानी मनुष्य को तभी सफलता मिल सकती है, जब वह सक्षम होगा। सक्षम होने का मतलब केवल शारीरिक रूप से ही सक्षम होना नहीं है, बल्कि तन, मन और धन तीनों से सक्षम होना है। जब हम इन तीनों से पूरी तरह सक्षम हो जाएंगे तभी हम सफलता को प्राप्त कर सकेंगे।
====================*==================आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पढ़ें ये सरल मंत्र...
प्रभु श्रीराम का स्मरण करने मात्र से बड़ी-बड़ी कठिनाइयां पार हो जाती है। पढ़ाई में सफलता और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए इस मंत्र का 108 बार जप करें : -
गुरु गृह पढ़न गए रघुराई।
अलप काल विद्या सब पाई॥
स्नान कर प्रात:काल में स्वच्छ और शुद्ध आसान पर बैठकर भगवान राम का चित्र स्थापित करें। उन्हें चंदन लगाकर इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
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पंडित विश्वनाथ त्रिपाठी
उपाध्यक
वशिष्ठ ज्योतिष एवं वैदिक अनुष्ठान संस्थान
जयपुर एवं हैदराबाद मोबाइल नंबर 09348871117 ,ह्वाट्सएप नंबर07877457465