होली 23 मार्च 2016 बुधवार .
होली पर करे खुद एवं परिवार के संकटो का एवं किसी के द्वार किये कराये तंत्र याआभिचारिक प्रयोगो का निवारण
एवं खुद के दुर्भाग्य को सौभाग्य मे बदलनेl एव सर्वं मनोकामना पूर्ण करने के सरल एवं आसान उपाय
जैसा कि हम सभी जानते है एवं शास्त्रों में भी उल्लेख है कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की
पूर्णिमा को प्रदोषकाल में ही होलिका दहन किया जाता है। प्रतिपदा,
चतुर्दशी और भद्राकाल में होली दहन के
लिए सख्त मना है। फाल्गुन पूर्णिमा पर
भद्रारहित प्रदोषकाल में होली दहन को श्रेष्ठ माना गया हैl
पिछले
तीन साल से अशुभ माने जाने वाली भद्रा
का साया होलिका दहन के लिए तय समय पर पड़ता आ रहा था ।
इसके चलते भद्रा के मुख का त्याग कर होली दहन
का वैकल्पिक मार्ग अपनाया जा रहा था। परन्तु इस बार 22/23/मार्च 2016 होलिका दहन के
दिन भद्रा सुबह 3:18 पर खत्म हो जाएगी।
इस बार होलिका दहन निर्विवाद रूप से 22/23मार्च, 2016 मंगलवार की रात 3:18के बाद होगाl एवं रंग की होली सभी जगह 23 मार्च 2016 बुधवार को पूरे देश मे मनाई जायगीl
इस बार पूर्णिमा 22 मार्च मंगलवार को दिन मे 2:29 मिनट से शुरु होकर 23 मार्च बुधवार को सायं 4:07 मिनट तक रहेगीl
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र 22 मार्च को 3:41 से 23 मार्च को
सायं 5:52 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन की रात्रि का महत्त्व हमारे शास्त्रों में 4
विशेष रात्रियो में से एक बताया गया है। इस रात्रि को “अहोरात्रि”
कहते है। यह रात्रि तंत्र साधना व लक्ष्मी प्राप्ति के
साथ खुद पर किये गए तंत्र मंत्र के प्रतिरक्षण हेतु सबसे
उपयुक्त मानी गई है| तंत्र शास्त्र के अनुसार
होली के दिन कुछ खास उपाय करने से मनचाहा काम
हो जाता है। तंत्र क्रियाओं के लिए प्रमुख चार रात्रियों में से एक
रात ये भी है।
मान्यता है कि होलिका दहन के समय उसकी
उठती हुई लौ से कई संकेत मिलते हैं।होलिका दहन के
समय उसकी उठती हुई लौ से कई संकेत
मिलते हैं। पूरब की ओर लौ उठना
कल्याणकारी होता है, दक्षिण की ओर
पशु पीड़ा, पश्चिम की ओर सामान्य और
उत्तर की ओर लौ उठने से बारिश होने की
संभावना रहती है।
सावधानी
होलिका दहन वाले दिन टोने-टोटके के लिए सफेद खाद्य पदार्थों का
उपयोग किया जाता है। इसलिए
*इस दिन सफेद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिये।
*उतार और टोटके का प्रयोग सिर पर जल्दी होता है,
इसलिए सिर को टोपी आदि से ढके रहें।
*टोने-टोटके में व्यक्ति के कपड़ों का प्रयोग किया जाता है, इसलिए
अपने कपड़ों का ध्यान रखें।
*होली पर पूरे दिन अपनी जेब में काले
कपड़े में बांधकर काले तिल रखें। रात को जलती
होली में उन्हें डाल दें। यदि पहले से ही
कोई टोटका होगा तो वह भी खत्म हो जाएगा।
होली के दिन करें ये ख़ास उपाय
स्वास्थय लाभ के लिए
अगर परिवार में कोई लंबे समय से बीमार हो
होली की रात में सफेद कपड़े में 11
गोमती चक्र, नागकेसर के 21 जोड़े तथा 11 धनकारक
कौड़ियां बांधकर कपड़े पर हरसिंगार तथा चन्दन का इत्र लगाकर
रोगी पर से सात बार उतारकर किसी शिव
मन्दिर में अर्पित करें। व्यक्ति स्वस्थ होने लगेगा। यदि
बीमारी गंभीर हो, तो यह
शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से आरंभ कर लगातार 7 सोमवार
तक किया जा सकता है।
आर्थिक समस्या के समाधान के लिए :
होली की रात में चंद्रोदय होने के बाद
अपने घर की छत पर या खुली जगह
जहां से चांद नजर आए पर खड़े हो जाएं। फिर चंद्रमा का स्मरण
करते हुए चांदी की प्लेट में सूखे छुहारे
तथा कुछ मखाने रखकर शुद्ध घी के
दीपक के साथ धूप एवं अगरबत्ती अर्पित
करें। अब दूध से अर्घ्य प्रदान करें। अर्घ्य के बाद कोई सफेद
प्रसाद तथा केसर मिश्रित साबूदाने की खीर
अर्पित करें। चंद्रमा से आर्थिक संकट दूर कर समृद्धि प्रदान
करने का निवेदन करें। बाद में प्रसाद और मखानों को बच्चों में बांट
दें।
फिर लगातार आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा की
रात चंद्रमा को दूध का अर्घ्य अवश्य दें। कुछ ही दिनों
में आप महसूस करेंगे कि आर्थिक संकट दूर होकर समृद्धि निरंतर
बढ़ रही है।;
दुर्घटना से बचाव के लिए :
अगर आप अक्सर दुर्घटनाग्रस्त
होते रहते हैं तो होलिका दहन से पहले पांच काली
गोप/गुंजा/धागा/डोरा लेकर होली की पांच
परिक्रमा लगाकर अंत में होलिका की ओर
पीठ करके पांचों गुंजाओं को सिर के ऊपर से पांच बार
उतारकर सिर के ऊपर से होली में फेंक दें।
• होलिका दहन तथा उसके दर्शन से शनि-राहु-केतु के दोषों से शांति
मिलती है।
• होली की भस्म का टीका
लगाने से नजर दोष तथा प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है।
• घर में होली की भस्म चांदी की डिब्बी
में रखने से कई बाधाएं स्वत: ही दूर हो
जाती हैं।
• कार्य में बाधाएं आने पर -
आटे का चौमुखा दीपक सरसों
के तेल से भरकर कुछ दाने काले तिल के डालकर एक बताशा,
सिन्दूर और एक तांबे का सिक्का डालें। होली
की अग्नि से जलाकर घर पर से ये पीड़ित
व्यक्ति पर से उतारकर सुनसान चौराहे पर रखकर बगैर
पीछे मुड़े वापस आएं तथा हाथ-पैर धोकर घर में प्रवेश
करें।
• जलती होली में तीन
गोमती चक्र हाथ में लेकर अपने
(अभीष्ट) कार्य को 21 बार मानसिक रूप से कहकर
गोमती चक्र अग्नि में डाल दें तथा प्रणाम कर वापस
आएं।
• विपत्ति नाश के लिए मंत्र-
राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगति विपति भंजन सुखदायक।।
इस मंत्र को जलती होलिका स्म्मुख 108 बार पढ कर 11 परिक्रमा करने से समस्त विपत्तियो का नाश हो जाता हैl
•
सुख, समृद्धि और सफलता के लिए :
अहकूटा भयत्रस्तै:कृता त्वं होलि बालिशै:
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम: ||
इस मंत्र का उच्चारण एक माला, तीन माला या फिर पांच
माला विषम संख्या के रूप में करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि होली की
बची हुई अग्नि और भस्म को अगले दिन प्रात: घर में
लाने से घर को अशुभ शक्तियों से बचाने में सहयोग मिलता है तथा
इस भस्म का शरीर पर लेपन भी किया
जाता है।
भस्म का लेपन करते समय निम्न मंत्र का जाप करना
कल्याणकारी रहता है-
वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च।
अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।
आप सभी मित्रो को हमारे वशिष्ठ ज्योतिष एवं बैदिक अनुष्ठान सन्सथान जयपुर ,एवं हैैदराबाद ,एवं पं.विश्वनाथ त्रिपाठी की तरफ से होली की बहुत सारी शुभ कामनायेl एवं शुभाशिर्वादl साथ हीसाथ आप को ये लेख कैसा लगा अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से जरुर देl
साथ ही साथ होली पर अपने माता पिता बडे बुजुर्गो का आशिर्वाद जरुर लेl
होली सौहार्द का त्योहार हैl इस लिये भाई चारा बनाये रखेl खुद को नशे एवं बुरे ब्यसनो से दूर रखेl साथ ही साथ सूखे रंगो जैसे अबीर गुलाल का ही प्रयोग करेl
सारा रारा सारा जोगिया सारा रारा होl
होली है भाई होली हैl बुरा ना मानो होली हैl जय श्री रामl
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