जय मां राजराजेश्वरी आज हम बात करेंगे राशि अनुसार माँ दुर्गा के कौन से रूप का पूजन है उत्तम ?
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो माता के किसी भी रूप की पूजा सदैव शुभ फलदायी होती है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में राशियों के अनुसार किसी विशेष माता स्वरुप की पूजा का प्रावधान है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि इंसान अपनी राशि अनुसार देवी के किसी विशेष स्वरुप की पूजा करे तो उसे शीघ्र ही शुभ फल प्राप्त होता है। यहाँ हम आपको बताएँगे की राशि अनुसार किस देवी स्वरुप की और कैसे पूजा करनी चाहिए।
मेष: इस राशि के लोगों को स्कंद माता की विशेष उपासना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें। स्कंदमाता करुणामयी हैं, जो वात्सल्यता का भाव रखती हैं।
वृषभ: वृषभ राशि के लोगों को महागौरी स्वरूप की उपासना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। ललिता सहस्र नाम का पाठ करें। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
मिथुन: इस राशि के लोगों को देवी-यंत्र स्थापित कर ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए। साथ ही तारा कवच का रोज पाठ करें। मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान प्रदाता, विद्या के अवरोध दूर करती हैं।
कर्क: कर्क राशि के लोगों को शैलपुत्री की पूजा-उपासना करनी चाहिए। लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करें। भगवती की वरद मुद्रा अभय दान प्रदान करती हैं।
सिंह: सिंह राशि के लिए मां कूष्मांडा की साधना विशेष फल करने वाली है। दुर्गा मंत्रों का जाप करें। ऐसा माना जाता है कि देवी मां के हास्य मात्र से ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। देवी बलि प्रिया हैं, अत: साधक नवरात्र की चतुर्थी को आसुरी प्रवृत्तियों यानि बुराइयों का बलिदान देवी चरणों में निवेदित करते हैं।
कन्या: इस राशि के लोगों को ब्रह्मचारिणी का पूजन करना चाहिए। लक्ष्मी मंत्रों का साविधि जाप किया करें। ज्ञान प्रदान करती हुई विद्या मार्ग के अवरोधों को दूर करती हैं। विद्यार्थियों हेतु देवी की साधना फलदायी है।
तुला: तुला राशि के लोगों को महागौरी की पूजा-आराधना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। काली चालीसा या सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करें। जन-कल्याणकारी हैं। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
वृश्चिक: वृश्चिक राशि के लोगों को स्कंदमाता की उपासना श्रेष्ठ फल प्रदान करती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। वात्सल्य भाव रखती हैं।
धनु: इस राशिवालों को चंद्रघंटा की उपासना करें। संबंधित मंत्रों का यथाविधि अनुष्ठान करें। घंटा प्रतीक है उस ब्रह्मनाद का, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।
मकर: मकर राशि के जातकों के लिए कालरात्रि की पूजा सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। नर्वाण मंत्र का जाप करें। अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोप, अग्निकांड आदि का शमन करती हैं। शत्रु संहारक हैं।
कुंभ: कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए कालरात्रि की उपासना लाभदायक। देवी कवच का पाठ करें। अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोपों का शमन करती हैं। शत्रु संहारक।
मीन: मीन राशि के लोगों को चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। हरिद्रा की माला से यथासंभव बगलामुखी मंत्र का जाप करें। घंटा उस ब्रह्मनाद का प्रतीक है, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।
==============================//============
किसी भी सहायता के लिए संपर्क करे निःशुल्क
🔱**श्वेतार्क गणपति 🔱सतनजा गणेश लक्ष्मी *🔱हरदोई गणपति 🔱वैजन्ती माला 🔱*दछिणावर्ती शंख*🔱*नर नारी**नेपाली रुद्राछ14 मुखी तक. 🔱**स्फटिक माला **🔱*रुद्राछ माला *🔱**विष्णु गोमती चक्र*🔱*शुलेमानी हकीक🔱 *नवरत्न सभी सर्टिफाइड***🔱,हत्था जोडी*🔱**लक्ष्मी कारक कौडी🔱,*🔯हकीकपत्थर *🔱🔯*बिल्ली की जेर🔱 🔯🔱***हकीक माला***🔱 पारद माला ***🔱*बिवाह बाधा निारण यन्त्र,*🔱** असली पारद शिवलिंग 🔱***पारद श्री यंत्र *🔱*पारद अगुठी🔱 *🔱***पैन्डल🔱 ,पारद की मूर्तिया**🔱* श्याही का कांटा ,**🔱**ऊल्लू के बीज**🔱**{🔱१मुखी से २१ मुखी तक रुद्राछ{इनडोनेशिया 🔱}इन्द्र जाल🔱 उपलब्ध हैं संपर्क करें 🔱🔱🔱
====================================
🔯🔯🔯पंडित विश्वनाथ त्रिपाठी 🔯🔯🔯
🔯🔯उपाध्यक्ष 🔯🔯
🔱वशिष्ठ ज्योतिष एवं वैदिक अनुष्ठान संस्थान 🔱
🔱 🔱 🔱जयपुर एवं हैदराबाद 🔱🔱🔱🔱
मोबाइल नंबर 9348871117 ह्वाट्सएप नंबर 7877457465
09451771262 {up contect no}
============हमारी ब्लॉग बेवसाइट मे जायें
🔯🔯vashisthjyotish.blogspot.com 🔯🔯
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱