जय मां राज राजेश्वरी आज हम बात करेंगे मंगल ग्रह की शांति के विषय में
मंगल की शान्ति के उपाय
मंगल की शान्ति के उपाय
जन्म कुण्डली या गोचर में जब ग्रहों का शुभ फल प्राप्त न हो रहा हों या फिर पाप ग्रहों के प्रभाव में होने के कारण जब ग्रह व्यक्ति के लिये अनिष्ट या अरिष्ट का कारण बन रहे हों तो ग्रहों से संबन्धित उपाय करने से व्यक्ति के कष्टों में कमी की संभावनाएं बनती है.
जब किसी व्यक्ति का स्वयं का जन्म या फिर उसकी संतान का जन्म अशुभ योगों में अर्थात गण्डमूळ, गण्डान्त, अभुक्तमूल आदि अशुभ नक्षत्रों में हुआ हों तो व्यक्ति के कुशलता व आयु वृ्द्धि के लिये शान्ति उपाय किये जाते है. व्यक्ति के जीवन की घटनाओं को ग्रह विशेष रुप से प्रभावित करते है.
जैसे:- जब कोई व्यक्ति बहुत मेहनत कर रहा है. परन्तु योग्य होने पर भी उसे पदोन्नति की प्राप्ति नहीं हो रही है तो इस स्थिति में एकादश भाव के स्वामी ग्रह के उपाय करने से या फिर मंगल के उपाय करने से मनोवांछित फल प्राप्त होने की संभावना बनती है. इस प्रकार कारक ग्रह के उपाय करने पर संबन्धित उद्धेश्य की प्राप्ति होती है.
आईये देखे की कुण्डली या गोचर में जब मंगल से अनिष्ट होने की संभावना हों तो कौन से उपाय किये जा सकते है.
1. मंगल की वस्तुओं से स्नान
मंगल से संबन्धित वस्तुओं से स्नान करने पर इसके अशुभ प्रभाव को दूर किया जा सकता है. कुण्डली में मांगलिक योग के लिये भी मंगल स्नान किया जा सकता है. इस स्नान के लिये पानी में बेलगीरी डाल कर उबाल लिया जाता है. उबले हुए पानी व वस्तु को सामान्य जल में मिलाकर स्नान किया जाता है.
मंगल की वस्तुओं से स्नान करने पर वस्तु का प्रभाव व्यक्ति पर प्रत्यक्ष रुप से पडता है. यह उपाय शुभ मुहूर्त समय पर करने पर उतम फल प्राप्त होते है यह स्नान करते समय मंगल मंत्र का ध्यान करना चाहिए.
2. मंगल की वस्तुओं का दान
जब व्यक्ति मंगल की वस्तुओं से स्नान न कर पायें तो उसके लिये वस्तुओं का दान करना लाभकारी रहता है. मंगल की वस्तुओं में सभी लाल रंग की वस्तुएं, गुड्, लाल फूल, गेहूं, लाल दाल का दान करने से मंगल की शुभता में वृ्द्धि होती है..दान का कार्य जिस व्यक्ति के लिये किया जा रहा है उस व्यक्ति को अगर संभव हों तो अपने हाथों से दान करना चाहिए. इस कार्य को करने से पहले अपने बडों का आशिर्वाद लेना पर उपाय के फलों में वृ्द्धि होती है.
यह दान मंगलवार के दिन करना चाहिए. तथा दान की वस्तुओं को लेते समय इस कार्य पर हो रहे धन व्यय को लेकर परेशान नहीं होना चाहिए. अपनी खुशी व सामर्थय के अनुसार ही दान करना चाहिए. व इस कार्य को अपने सम्मान का विषय नहीं बनाना चाहिए. दूसरों के सामने इसका बार-बार वर्णन करने पर विपरीत फलों की प्राप्ति की संभावनाएं बनती है.
3. हनुमान चालीसा का पाठ
मंगल ग्रह के उपायों में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. यह पाठ करने पर मंगल ग्रह की शान्ति होती है तथा इसके अशुभ प्रभाव को दूर किया जा सकता है. मंगलवार के दिन इस पाठ को करने से मंगल के अनिष्ट में कमी होती है. हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को इस दिन अपने मन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए. क्रोध, वाद-विवाद से इस दिन दूर ही रहना चाहिये तथा वैवाहिक जीवन में संयम से काम लेना उतम फल देता है.
4. मंगल के मंत्र का जाप करना
ग्रहों का मंत्र जाप करने से भी ग्रह की शान्ति की जा सकती है. मंगल ग्रह की शान्ति के लिये " ऊँ भौ भौमाय नम:" का जाप किया जा सकता है. राम नाम का पाठ करने पर भी मंगल की अशुभता में कमी होती है. इस मंत्र का जाप प्रतिदिन या फिर प्रत्येक मंगलवार के दिन एक माला अर्थात 108 बार या अधिक किया जा सकता है मंत्र का का पूर्ण उच्चारण करना चाहिए.
5. मंगल यन्त्र धारण करना
मंगल के उपायों कि श्रेणी में अगला उपाय मंगल यन्त्र निर्माण व इसकी स्थापना का है. मंगल यन्त्र को तांबे के ताम्र पत्र पर या फिर भोज पत्र पर तथा विशेष परिस्थिति में इसे कागज पर भी बनाया जा सकता है. इनमें से किसी वस्तु पर इस यन्त्र को बनाने के लिये अनार की कलम व लाल चंदन, केसर, कस्तूरी की स्याही से इसका निर्माण किया जाता है
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पंडित विश्वनाथ त्रिपाठी उपाध्यक
वशिष्ठ ज्योतिष एवं वैदिक अनुष्ठान संस्थान जयपुर एवं हैदराबाद
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Jai maa
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