जय मां राजराजेश्वरी आज हम बात करेंगे आजीविका में सूर्य की भूमिका के विषय मे
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुण्डली का दसवां घर आजीविका स्थान कहलाता है. इसी घर से विचार किया जाता है कि व्यक्ति का कार्य क्षेत्र कैसा होगा तथा उनमें व्यक्ति की क्या स्थिति होगी. सूर्य का सम्बन्ध इस घर से होना आजीविका विषय में किन संभावनाओं को दर्शाता है यह आजीविका के क्षेत्र में संभावनाओं की तलाश करने वालों के लिए काफी महत्वपूर्ण विषय है.
सरकारी क्षेत्र में सूर्य का प्रभाव
🔯सूर्य को नवग्रहों में राजा का दर्जा प्राप्त है. यही सारे जगत को अपनी उर्जा से प्रकाशित करता है तथा जीवन देता है. धरती पर सूर्य का प्रतिनिधि राजा को माना जाता है. वर्तमान में राजतंत्र की परम्परा का लोप हो गया और प्रजातंत्र विश्व में लोकप्रिय होता जा रहा है. इस शासन व्यवस्था में सरकार तथा सरकारी विभाग को सूर्य से सम्बन्धित क्षेत्र माना जाता है.जो लोग सरकार अथवा सरकारी विभाग से जुड़ कर आजीविका प्राप्त करना चाहते हैं उनकी कुण्डली में सूर्य की मजबूत स्थिति बहुत मायने रखती है. दसवें में सूर्य अगर अपनी उच्च राशि मेष में अथवा स्वराशि सिंह में बैठा हो तो सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करने से सफलता मिलने की संभावना प्रबल रहती है. मित्र राशियों में भी सूर्य का शुभ फल मिलता है. लेकिन, सूर्य अगर नीच राशि में हो अथवा नीच ग्रहों से दृष्ट हो रहा है तो परिणाम की शुभता में कमी आती है.
🔯सूर्य मंगल के योग से आजीविका
दसवें घर में मंगल और सूर्य दोनों ही मजबूत हों तो आजीविका के विषय के विषय में यह उत्तम संकेत माना जाता है. इन दोनों ग्रहों की स्थिति से सरकारी क्षेत्र में उच्च पद मिलने की संभावना रहती है. व्यक्ति बड़ा नेता, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, सेना में अधिकारी, मैजिस्ट्रेट बन सकता है. उद्योग जगत में भी इनके लिए काफी संभावनाएं रहती हैं. ये उद्योगपति बन सकते हैं. चिकित्सा विज्ञान भी इनके लिए लाभकारी होता है.
.🔯सूर्य चन्द्र के योग से आजीविका
दसवें घर से सूर्य व चन्द्र का किसी प्रकार से सम्बन्ध होने पर सामाजिक क्षेत्रों में उच्च पद मिलने की संभावना रहती है. जिनकी कुण्डली में इस प्रकार की स्थिति है वे चाहें तो सामाजिक संस्थाओं में उच्च पद के लिए प्रयास कर सकते हैं. मुखिया, सरपंच, कोपरेटिव के अधिकारी बन सकते हैं. सरकारी नौकरी पाने के लिए भी यह प्रयास कर सकते हैं. इन्हें हर क्षेत्र में सम्मान मिलता है.
🔯सूर्य बुध के योग से आजीविका
आजीविका के मामले में सूर्य बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है🚱इसके साथ बुध का सम्बन्ध होने से व्यक्ति की कुण्डली में बुधादित्य योग बनता है. यह योग बहुत ही शुभ फलदायी होता है. जिस व्यक्ति की कुण्डली में यह योग बनता है वह गणित के अच्छे विद्वान हो सकते हैं. लेखन एवं कला विषय में भी ये आजीविका की संभावनाएं तलाश सकते हैं. अकाउंटेंट व साफ्टवेयर का कार्य भी इनके लिए फायदेमंद होता है. अगर चाहें तो ये अपना व्यवसाय भी कर सकते हैं इसमें भी कामयाबी की अच्छी संभावना रहती है.
🔯सूर्य गुरू के योग से आजीविका
जिस व्यक्ति की कुण्डली में सूर्य व गुरू का सम्बन्ध दसवें घर से होता है वह धर्मिक क्षेत्रों में अपनी आजीविका तलाश सकते हैं. धार्मिक नेता के रूप में इन्हें अच्छी सफलता मिलती है. ज्योतिषी का करियर भी इन्हें काफी तरक्की देता है. व्यवसाय के क्षेत्र में स्वर्ण का कारोबार इनके लिए काफी फायदेमंद होता है शिक्षा से सम्बन्धित क्षेत्र भी इनका लिए अच्छा होता है अत: शिक्षण को भी आजीविका के तौर पर अपना सकते हैं.
🔯सूर्य शुक्र के योग से आजीविका
अगर कुण्डली में सूर्य के साथ शुक्र का दसम भाव से सम्बन्ध हो तो सौन्दर्य से सम्बन्धित कार्य में अच्छी सफलता मिलती है. अगर आपकी कुण्डली में इस प्रकार की स्थिति है तो आप फैशन डिजाईनर, सौन्दर्य विशेषज्ञ, कौस्मैटिक्स के व्यवसायी बन सकते हैं. आप चाहें तो नृत्य व अभिनय में भी करियर बना सकते हैं.
🔯सूर्य शनि के योग से आजीविका
सूर्य व शानि का दसम भाव से सम्बन्ध आजीविका के क्षेत्र में मेहनत से सफलता मिलने की संभावना को दर्शाता है.जिन क्षेत्रों में परिश्रम की अधिक आवश्यकता होती है उन क्षेत्र में व्यक्ति को कामयाबी मिलती है. इस प्रकार की स्थिति कुण्डली में होने से खदान से सम्बन्धित कार्यों में सफलता मिलती है. खेती से सम्बन्धित कार्य भी फायदेमंद होता है. अगर इन कार्यों में रूचि नहीं है तो नौकरी भी कर सकते हैं.
🔯सूर्य राहु के योग से आजीविका
सूर्य व राहु का सम्बन्ध दसवें घर से होने से व्यक्ति को सरकारी नौकरी में उच्च पद पाने के लिए प्रयास करना चाहिए. राजनेता के रूप में भी इनके लिए अच्छी संभावना रहती है अत: इसके लिए भी प्रयास कर सकते हैं. शेयर बाज़ार का कार्य भी फायदेमंद होता है. इलेक्ट्रांनिक्स व तकनीकी क्षेत्रों में भी इन्हें अच्छी कामयाबी मिलती है अत: इन क्षेत्रों को आजीविका के तौर पर अपना सकते हैं.
🔯सूर्य केतु के योग से आजीविका
केतु को अशुभ ग्रह माना जाता है लेकिन सूर्य के साथ दसवें घर से इसका सम्बन्ध होने से आजीविका के क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं बनती हैं. यह स्थिति जिनकी कुण्डली में होती है वह गुप्तचर विभाग में नौकरी के लिए प्रयास कर सकते हैं अथवा स्वयं गुप्तचर एजेंसी खोल सकते हैं. पुलिस विभाग भी इनके लिए उपयुक्त क्षेत्र होता है.विज्ञान विषय के अन्तर्गत रसायनशास्त्र में इनकी रूचि होती है जिससे कैमिस्ट का कार्य भी इनके लिए फायदेमंद होता है.
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पंडित विश्वनाथ त्रिपाठी उपाध्यछ
वशिष्ठ ज्योतिष एवं वैदिक अनुष्ठान संस्थान
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