जय मां राजराजेश्वरी आज हम बात करेंगे शिवरात्रि पर्व के विषय में
7 मार्च - 2016, को देवों के देव, शीघ्र प्रसन्न होने वाला देव भगवान भोले नाथ का महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। इस बार यह भगवान शिव के प्रिय दिन सोमवार को पड़ रहा है। इस बार इस दिन कुंभ राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र व केतु, पांच ग्रह मिलन (युति) करेंगे। महाशिवरात्रि पर पंचग्रही योग 18 साल बाद बन रहा है। इससे पूर्व यह विशेष योग 25 फरवरी 1998 में बना था। इसके बाद 9 मार्च 2024 को यह योग बनेगा। महाशिवरात्रि पर्व को देवों के देव भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था. उसकी खुशी में यह पर्व मनाया जाता है.
ज्योतिष मे चन्द्रमा मन का कारक ग्रह है. और चन्द्रमा शिव भगवान के मस्तक की शोभा बढा़ते हैं.
चन्द्रमा सीधे तौर से प्रत्येक व्यक्ति के मन तथा भावनाओं को नियंत्रित करते हैं। चन्द्रमा के कुंडली में बलशाली होने पर तथा भली प्रकार से स्थित होने पर कुंडली धारक स्वभाव से मृदु, संवेदनशील, भावुक तथा अपने आस-पास के लोगों से स्नेह रखने वाला होता है। ऐसे लोगों को आम तौर पर अपने जीवन में सुख-सुविधाएं प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास नहीं करने पड़ते तथा इन्हें बिना प्रयासों के ही सुख-सुविधाएं ठीक उसी प्रकार प्राप्त होती रहतीं हैं जिस प्रकार किसी राजा की रानी को केवल अपने रानी होने के आधार पर ही संसार के समस्त ऐशवर्य प्राप्त हो जाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विधिवत तरीके से पूजन/व्रत करने से चन्द्रमा बलशाली होता है.
इस दिन भगवान शिवलिंग दर्शन के लिए हजारों की संख्या में शिव भक्त आते है. सभी शिवालयों में महाशिवरात्रि के दिन बेल, धतूरा और दूध का अभिषेक किया जाता है. शिवरात्रि मात्र एक व्रत व न ही यह कोई त्यौहार है. सही मायनों में देखा जायें, तो यह एक महोत्सव है.
महाशिवरात्रि पर कुछ अन्य ज्योतिष उपाय भी कर सकते है. जैसे......
महाशिवरात्रि पर एक छोटा सा पारद शिवलिंग घर में लाकर उसकी विधिवत स्थापना करें तथा प्रतिदिन धूप बत्ती, पुष्प आदि चढ़ा पूजा करें। इससे घर में साक्षात महालक्ष्मी का वास होता है।
जो लोग मांगलिक दोष वाले हैं उनके लिए यह शिवरात्रि काफी शुभ है वो इस दिन सुबह शंभू नाथ को जल चढ़ाये उनके सारे दोष दूर हो जायेंगे।
जिन जातकों की शादियां नहीं हो रही हैं या फिर निसंतान हैं उन्हें भी इस दिन शिव की पूजा करें, उनके कष्ट दूर होंगे।
महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक का भी बहुत महत्त्व माना गया है और इस पर्व पर रुद्राभिषेक करने से सभी रोग और गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।
जिन व्यक्ति की कुंड़ली में राहु-केतु के मध्य में आने पर बनने वाला कालसर्प योग है उन्हे इस दिन रुद्राभिषेक कराने से काफी लाभ होगा।
🔯🔯🔯पंडित विश्वनाथ त्रिपाठी उपाध्यक्ष 🔯🔯
🔱वशिष्ठ ज्योतिष एवं वैदिक अनुष्ठान संस्थान 🔱
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